किशोर छंद ( नेता जी )
किशोर छंद
16/6=22
बातों बातों में ही पूरे,नेताजी
बदल दिये सोने में घूरे नेताजी।
जनता के दिल मचा वव॔डर ,नेताजी।
नभ मंडल में, गैस सिलेंडर,नेताजी।
यहाँ वहाँ भारी भटकाते नेताजी।
सौ सौ झूठी कसमें खाते नेताजी।
बुझी आग को फिर भड़काते नेता जी।
जब चुनाव का जोड़ लगाते नेता जी।
कोरे भाषण जाम पिलाते,नेताजी
बिन मौसम के फूल
खिलाते,नेता जी
पांच साल में मुख दिखलाते, नेताजी।
वोट मांगते नोट लुटाते, नेता जी।
ख्याल गुरू का अबतक भूले नेता जी।
आश्वासन का झूला झूले नेताजी।
खाते में खुशियाँ तलवा दो नेता जी।
पंद्रह लाख नगद डलवा दो नेताजी।
गुरू सक्सेना
नरसिंहपुर मध्यप्रदेश
22/4/23