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19 Apr 2023 · 1 min read

"ये सुना है कि दरारों में झांकता है बहुत।

“ये सुना है कि दरारों में झांकता है बहुत।
खुली किताब हूँ मुझको भी पढ़ के देख ज़रा।।”

■ प्रणय प्रभात■

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