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16 Apr 2023 · 1 min read

दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब..

मुश्किलों से पार पाना चाहिए,
लाख हों ग़म, मुस्कुराना चाहिए।।

गर जिया अपने लिए तो क्या जिया,
काम औरों के भी आना चाहिए।।

दोस्ती देने लगे जब भी फ़रेब,
दुश्मनों को आज़माना चाहिए।।

याद रक्खे बाद मरने के जहाँ,
ज़िन्दगी कुछ यूँ बिताना चाहिए।।

जंग हो जब दो दिलों के दरमियाँ,
अक्ल को फिर भूल जाना चाहिए।।

चूम लेगी ख़ुद-ब-ख़ुद मंज़िल क़दम,
बस मुसलसल पग बढ़ाना चाहिए।।

ख़त्म नफ़रत का वजूद हो जायेगा,
शर्त है दिल से मिटाना चाहिए।।

साथ अब देती नहीं परवाज़ भी,
इस परिंदे को ठिकाना चाहिए।।

ज़ख़्म हो कितना भी गहरा क़ल्ब का,
‘ अश्क ‘ आंखों में न लाना चाहिए।।

© गीतकार/शायर- अश्क चिरैयाकोटी
दि०:16/04/2023

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