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13 Apr 2023 · 1 min read

कुछ क्षणिकाये आज के समय की

इंसानियत जा चुकी हैं।
हैवानियत आ चुकी हैं।।

इन्सान अब सो चुका है।
हैवान अब जग चुका है।।

चुनावो का आज दौर है।
नेताओं का आज शोर है।।

बिजली पानी भी मुफ्त है।
राशन मकान भी मुफ्त है।।

भले ही लालच बुरी बला है।
पर जीतने की यही कला है।।

भ्रष्टाचार आज बेलगाम है।
करते सभी उसे सलाम है।।

भ्रष्टाचार चरमसीमा पर है।
जवान देश की सीमा पर है।।

सौ में से नब्बे बेईमान है।
फिर भी मेरा देश महान है।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

3 Likes · 5 Comments · 320 Views
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