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4 Apr 2023 · 1 min read

■ आज का शेर...

■ आज का शेर…
सुनते थे कि दुआएं मुर्दों में जान फूंक देती थीं। आज लगता है कि मुर्दार हो चुकी दुआओं की सलामती के लिए दुआओं की दरकार है।
【प्रणय प्रभात】

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