Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
16 Mar 2023 · 1 min read

कविता ही हो /

नीचे गिरकर
नहीं उठाना
कुछ भी हो,
कविता ही हो ।

उदरम्भरि
अनात्म नहीं हम,
कर्मशील हैं,
उठा कुदाली
पर्वत खोदा,
श्रम का बाग
उगाया हमने ;
चुचवाकर
दिन-रात पसीना
इस शरीर का,
हिम्मतवाला
हिकमत वाला
घर-संसार
सजाया हमने ;

बिन मेहनत का
नहीं है पाना
कुछ भी हो
कविता ही हो ।

चारण-भारण-
भाट नहीं हम,
केवल कवि हैं
मौलिक चिंतन
की धरती पर
शब्द प्यार के
उगा रहे हैं ;
आँखों-आँखों,
नाकों-नाकों
पर,अनुशासन–
स्वाभिमान का
बुझता दीपक
जला रहे हैं ;

जूठ-चबैना
नहीं चबाना
कुछ भी हो
कविता ही हो ।

चाव नहीं है
तनिक हमें भी
कवि मंचों पर
मिले लिफाफा,
झूठे तमगे
और प्रसंशा
नहीं चाहिए ;
सदियों से प्रति-
शोध लिया है
सत्ताओं से
अब भी लेंगे,
काँटे हैं हम !
सुमन-सहारा
नहीं चाहिए ;

बहती गंगा
नहीं नहाना
कुछ भी हो
कविता ही हो ।

नीचे गिरकर
नहीं उठाना
कुछ भी हो
कविता ही हो ।
०००
— ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश – 470227
मो.- 8463884927

Language: Hindi
Tag: गीत
11 Likes · 20 Comments · 610 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ईश्वर दयाल गोस्वामी
View all

You may also like these posts

Ghazal
Ghazal
shahab uddin shah kannauji
दोहा त्रयी. . . . .
दोहा त्रयी. . . . .
sushil sarna
तुम्हारे प्रेम का जो हमारा जिंदगी का कमंडल है,
तुम्हारे प्रेम का जो हमारा जिंदगी का कमंडल है,
Babiya khatoon
सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था.....,
सुना था,एक दोस्त बहुत क़रीब था.....,
Madhu Gupta "अपराजिता"
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
रिश्ते सभी सिमटते जा रहे है,
पूर्वार्थ
*भारतमाता-भक्त तुम, मोदी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
*भारतमाता-भक्त तुम, मोदी तुम्हें प्रणाम (कुंडलिया)*
Ravi Prakash
कजरी (वर्षा-गीत)
कजरी (वर्षा-गीत)
Shekhar Chandra Mitra
न जाने क्यों ... ... ???
न जाने क्यों ... ... ???
Kanchan Khanna
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
बड़ी बहु को नौकर छोटी की प्रीत से
नूरफातिमा खातून नूरी
मोहे वृंदावन न भायै, .....(ऊधो प्रसंग)
मोहे वृंदावन न भायै, .....(ऊधो प्रसंग)
पं अंजू पांडेय अश्रु
करवा चौथ का चांद
करवा चौथ का चांद
मधुसूदन गौतम
* सड़ जी नेता हुए *
* सड़ जी नेता हुए *
Mukta Rashmi
3950.💐 *पूर्णिका* 💐
3950.💐 *पूर्णिका* 💐
Dr.Khedu Bharti
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
मैं देता उनको साधुवाद जो निज कर्तव्य निभाते
महेश चन्द्र त्रिपाठी
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
जै जै जै गण पति गण नायक शुभ कर्मों के देव विनायक जै जै जै गण
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
सबकुछ झूठा दिखते जग में,
Dr.Pratibha Prakash
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
इन नजरों में तेरी सूरत केवल नजर आती है।
Rj Anand Prajapati
एकमात्र सहारा
एकमात्र सहारा
Mahender Singh
"रहमतों के भरोसे"
Dr. Kishan tandon kranti
मेरी कलम से…
मेरी कलम से…
Anand Kumar
दर्शनशास्त्र की मौत (Death of Philosophy)
दर्शनशास्त्र की मौत (Death of Philosophy)
Acharya Shilak Ram
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
बुंदेली दोहा - किरा (कीड़ा लगा हुआ खराब)
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
ग़ज़ल _ रूठते हो तुम दिखाने के लिये !
Neelofar Khan
मुक्तक
मुक्तक
पंकज कुमार कर्ण
फूल अब शबनम चाहते है।
फूल अब शबनम चाहते है।
Taj Mohammad
आइना बोल उठा
आइना बोल उठा
Chitra Bisht
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
चाँद और अंतरिक्ष यात्री!
Pradeep Shoree
स्वामी विवेकानंद जी ने सत्य ही कहा था कि
स्वामी विवेकानंद जी ने सत्य ही कहा था कि "एक हिन्दू अगर धर्म
ललकार भारद्वाज
शुभ
शुभ
*प्रणय प्रभात*
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
आज़ सच को भी सच बोल दिया मैंने,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
Loading...