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26 Feb 2023 · 1 min read

मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।

मुझमें अभी भी प्यास बाकी है ।
वस्ल की अभी आस बाकी है ।

जिस्म तो भटक के थक चुका है,
पर रूह की तलाश बाकी है ।

✍️ अरविन्द त्रिवेदी

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