Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
20 Feb 2023 · 1 min read

बेटियाँ

बेटियाँ

पापा की परी ,माँ की परछाई होती है बेटिया।
दो घरो में बजती एक ,शहनाई होती है बेटिया।
रोशन करती और सजाती है ये दो दो घरो को
कौन कहता है कि ———-
——— पराई होती है बेटिया।

भाई के साथ तो रोज़ की लडाई होती है बेटियाँ।
राखी पर जो सजे वो कलाई होती है बेटियाँ।
इज़्ज़त की जोङी पाई पाई होती है बेटियाँ।
कौन कहता है कि ———
—————————–पराई होती है बेटियाँ।।

हर आँगन में बेला मुस्कराई ,होती है बेटियाँ।
बाहर तो लाजवंती सुकुचाई ,होती है बेटियाँ।
तकदीर लिखे वो रौशनाई ,होती है बेटियाँ ।
कौन कहता है कि——–
————————–पराई होती है बेटियाँ।।
सुरिंदर कौर

Loading...