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7 Feb 2023 · 1 min read

डरे गड़ेंता ऐंड़ाने (बुंदेली गीत)

दाँद परी सो
चुरे घाम में
जड़कारें में जड़याने ।

सूँकौ-तींतौ
जैसें-तैसें कट गव
कक्का बसकारौ,
उन्ना-लत्ता
की छौंटई है कैसें
कट है जड़कारौ ।

पुचकी घेंटी,
सूकीं बालें,
पत्ता सबरे तुतलाने ।

कुहल,ओस कौ
कहल मचौ है
दुफरै दूबा जड़यानी,
सुर्रक-घुर्रक
फसी गरे में
खाँसी बनकें पुठयानी ।

फूल-फूल झर
गय हैं सबरे
पत्ता-पत्ता मुरझाने ।

कुआ रीत गव,
मोटर बर गई
और नाजलें ऐंड़ानी,
मूड़ मुड़ाई ओरे
पर गय,फूट
खपरिया खुनयानी ।

फन कुकरे औ’
जहर सूक गव
डरे गड़ेंता ऐंड़ाने ।

दाँद परी सो
चुरे घाम में
जड़कारे में जड़याने ।
०००
—– ईश्वर दयाल गोस्वामी
छिरारी (रहली),सागर
मध्यप्रदेश ।
मो.- 8463884927

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