जमातों में पढ़ों कलमा,
जमातों में पढ़ों कलमा,
या तन्हां रह करो सजदा ।
जब तलक मिले न मुरशिद,
समझ में कुछ नहीं आता।
सतीश सृजन, लखनऊ.
जमातों में पढ़ों कलमा,
या तन्हां रह करो सजदा ।
जब तलक मिले न मुरशिद,
समझ में कुछ नहीं आता।
सतीश सृजन, लखनऊ.