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12 Jan 2023 · 1 min read

अज़ब सा हाल तेरे मजनू ने बना रक्खा है By Vinit Singh Shayar

तेरे मिलने के सपने दिल में सजा रक्खा है
अज़ब सा हाल तेरे मजनू ने बना रक्खा है

तेरी उम्मीद में जीता है इस तरह से कि
काँटे सब चुन कर रास्तों से हटा रक्खा है

उसकी महफ़िल से भीग कर मैं भी लौट आया
उसने ज़ुल्फ़ो में अपने बंद घटा रक्खा है

दुनियाँ समझेगी दर्द मेरा इसी उम्मीद में
अब तक जेब में वो नोट फटा रक्खा है

उसकी बातों से जैसे फूल झड़ा करते हैं
पूछिए मत सब को क्या क्या बता रक्खा है

~विनीत सिंह
Vinit Singh Shayar

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