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19 Oct 2022 · 1 min read

भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l

भाये ना यह जिंदगी, चाँद देखे वगैर l
होनी उल्फत बन्दगी, नहीं कर देर देर ll

प्रीत रे सही सहज ढल , मिलन धडकनें माप l
मनमीत जब जब तडपे, विरह तड़पनें भाप ll

मुर्ख बटोरे सुर्खियाँ, अबके जग की रीत l
मेधावीयों दरमियाँ, होवे है अवतरित ll

चाँद बिखेरे चाँदनी, चमक करे बेचैन l
घर आ मेरे चाँद रे, देने देने चैन ll

तारे पूछे रैन में, क्यों इतने बेचैन l
नींद नैन आये नहीं, रूप बसे है नैन ll

रैन खुलासा है करे, ताके नहीं चकोर l
चँदा बिखेरे चाँदनी, है रिझाना चकोर ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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