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22 Sep 2022 · 1 min read

ये रात अलग है जैसे वो रात अलग थी

ये रात अलग है जैसे वो रात अलग थी
🌹ये बात अलग है जैसे वो बात अलग थी
हमे भी है पता आसमाँ को जमीं ना मिले
🌹पर दिल उसी से लगा जिनकी ख़्यालात अलग थी ।।

©® प्रेमयाद कुमार नवीन
जिला – महासमुंद (छः ग)

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