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11 Sep 2022 · 2 min read

प्यारी बहना

आज तु इस घर की शान है, कल वहां की मान बन जाएगी।
आज तु हक से मांगती है, कल जताने से घबराएगी।
आज तु इस घर की बेटी है, कल बहु कहलाएगी।
आज तु इस घर की ज्योति है, कल उस घर की गृह–लक्ष्मी बन जाएगी।
प्यारी बहना;आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
आज तु रूठती है, तुझे सब मानते हैं।
जब मैं गलतियां करती हूं , तु मुझे समझाती है।
आज तु मेरे पास है, बहन कम दोस्त ज्यादा बन कर रहती हैं।
मैं कहूं या ना कहूं, तु हर बात समझती हैं,
आज तु इस परिवार की अहम हिस्सा है, कल जब तू जायेगी; परिवार की एक कड़ी और टूट जाएगी।
प्यारी बहना;आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
आज इस घर की जिम्मेदारियों को देखती है, कल दो घर की जिम्मेदारियां उठाएगी।
आज इस परिवार के सुख—दुख में सहभागी है , कल तु वक्त कहां दे पाएगी।
मैं हस्ती भी रहूं ; तु मेरी पलकों के बीच छुपी आंसू को देख पाती है।
परिवार किसी का भी हो, मां के बाद बहन ही तो दोस्त कहलाती है।
आज हम तुम्हारे प्राथमिकता है, कल तेरी प्राथमिकता बदल जाएगी।
प्यारी बहना;आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
आज तु अपनी है, कल पराई हो जाएगी।
जब तु वहां जायेगी, नए लोग मिलेंगे ;नया परिवार बनाएगी ।
हम तो अपने है ही, वहां की अपनत्व को भी अपनाएगी।
इस घर की बेटी तो हो ही, वहां भी बहु कम बेटी ही ज्यादा कहलाओगी।
यहां के साझी तो हो ही, वहां की भी सहभागी बन जाओगी।
नई आशाएं, नए सपने, नई खुशियां तेरे दामन में आएंगी।
प्यारी बहना;आज भी तु अपनी है , प्यारी है, कल भी तु आत्मीय , स्वजन रह जाएगी ।
आज भी तु अपनी है , प्यारी है, कल भी तु आत्मीय , स्वजन रह जाएगी ।

मौलिक एवं स्वरचित
स्तुति।

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