Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Sep 2022 · 1 min read

कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा

कभी क्यो दिल जलाते हो तुम मेरा,
कभी क्यो दिल बुझाते हो तुम मेरा।
बार बार करते रहते हो हमेशा तुम ऐसा,
जब तक दिल राख न हो जाए ये मेरा।।

कभी सूलो की तरह चुभाते हो इसे।
कभी फूलो की तरह महकाते हो इसे।
क्यो करते रहते हो तुम ये हमेशा,
क्यो दिल को ऐसे सताते हो तुम इसे।।

अब तो दिल भी धोखा देने लगा है,
कहता कुछ है करने कुछ लगा है।
जिसको दिल दिया था कभी मैने,
उसका गलत इस्तेमाल करने लगा है।।

दिल देकर पछतावा हो रहा अब मुझे,
मांगती हूं दिल वापिस करता नही मुझे।
करूं तो करू अब क्या करूं मैं अभी,
दिल मसोस कर रहती रोना आता है मुझे।।

आर के रस्तोगी गुरुग्राम

Loading...