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1 Sep 2022 · 1 min read

✍️मुझे मेरी कमी रही✍️

✍️मुझे मेरी कमी रही✍️
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सारी उम्र भर मुझे मेरी ही कमी रही
आसमाँ दूर था पास ना तो जमी रही

अश्क़ के काले बादल मेरा साया बने
उदास आँखों में हरपल एक नमी रही
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✍️©’अशांत’ शेखर✍️
01/09/2022

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