रक्षा-बंधन
7/9/22
प्रयोग पूर्ति:- राधा/ राधिका
बरसाना/वृन्दावन
भक्ति /प्रेम /प्रीति
#राधिका#
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राधा के सॅग खेलते, कान्हा बहु-विधि खेल।
कृष्ण-राधिका प्रेम का,नहीं जगत में मेल।।
#वृंदावन #
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मनमोहक मनहर अतुल, है मोहन का रूप।
वृंदावन की राधिका, अतुलित रूप अनूप। ।
#प्रीत #
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नोंक-झोंक से नित घटे, मन से मन की प्रीत।
प्यार समर्पण से बढे, बन जाते हैं मीत। ।
अटल मुरादाबादी
विषय -रक्षाबंधन
विधा -दोहे
दिनांक -12/8/2022
पावन बहुत विशेष है ,रक्षा-बंधन पर्व।
भैया-भावज पर करे, बहना अतुलित गर्व। ।
भैया को निज देखकर, मन ही मन इठलाय।
आपे में रहती नहीं, पति को दे हड़काय।।
राखी बांधे हाथ में, रक्षा-कवच बनाय।
बदले में भैया सदा, रक्षा-वचन निभाय। ।
राखी बस धागा नहीं, है मन का विश्वास।
भैया से उम्मीद की, रखती है हर आस। ।
चंदन से करती तिलक, अक्षत रोली माथ।
भैया को देती दुआ, बना रहे ये साथ।।