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11 Aug 2022 · 1 min read

अमृत महोत्सव मनायेंगे

घर -घर तिरंगा फहराएंगे,
अमृत महोत्सव मनायेंगे।

पचहत्तर साल पूरा हुआ,
ना भूलें वक्त गुजरा हुआ।
दो सौ साल कैसे कटे,
देश के लिए फांसी पर चढ़े।

देश हित में जान गवांयेगे,
अमृत महोत्सव मनायेंगे।

देश अंग्रेजों के अधीन था
हर तरह से दीन हीन था
जनता में त्राहि – त्राहि थी
बेमुरव्वत अफसरशाही थी

लोगों में ये बात जतायेंगे,
अमृत महोत्सव मनायेंगे।

अमर शहीदों को याद करें,
उनकी कुर्बानी फरियाद करें,
अपने काम में ईमानदारी हो
एक दूसरे पर वफादारी हो

हर आदमी को ये बतायेंगे,
अमृत महोत्सव मनायेंगे।

नूर फातिमा खातून “नूरी”
जिला- कुशीनगर
मौलिक स्वरचित

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