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23 Jul 2022 · 1 min read

हम और जवां हो गए

मत पूछो कि कितने,
बसंत मेरे रवां हो गए,
ग़मो का निकला दिवाला,
पड़ा आप जैसे दोस्तों से पाला,
तो हम और जवां हो गए।

@ कुमार दीपक “मणि”
23/07/2022
अवतरण दिवस पर सभी
मित्रों के लिए समर्पित।

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