Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jul 2022 · 1 min read

“आम की महिमा”

अँबिया आई, रुत है भाई, उपवन मेँ तरुणाई,
दाता की बलिहारी, चहुँदिश है हरियाली छाई।

खपिया कोऊ कहत, कोउ केरी कहि करत पुकारी,
कोउ बनावत चटनी, कोऊ, बिधि से धरत अचारी।

मोटी रोटी, खिचड़ी, तहरी, सबकै सँग लगि प्यारी,
बच्चे-बूढ़े, सब मन भावत, चखै धात्री नारी ।

पेट-रोग मेँ, लू मेँ, सचमुच, पना बहुत हितकारी,
भावत कोऊ अमझोरा, कोउ जलजीरा गुणकारी।

“फल कौ राजा आम” पकत ही, होँहि सबै सुखियारी,
लँगड़ा, चौँसा, कहूँ दसहरी, हुसनारा, छवि न्यारी।

तोतापरी, कहूँ अलफांसो, कहुँ प्यारो मद्रासी,
कहूँ सफेदा लखनउआ, कहुँ सोहत मलिहाबादी।

पाचन करै दुरुस्त, आम तुख़्मी, रसधार, निराली,
एन्टीआक्सीडेंट्स, विटामिन ए, सी कै भन्डारी।

“आशा” नाना रूप दिखावत, शहरी कहूँ देहाती,
खाय गरीब-अमीर सबहिं, रखु कृपा ईश सब भाँती..!

##———–##———–##————##———

रचयिता
Dr.asha kumar rastogi
M.D.(Medicine), DTCD
Ex.Senior Consultant Physician, district hospital, Moradabad.
Presently working as Consultant Physician and Cardiologist, sri Dwarika hospital, near sbi Muhamdi, dist Lakhimpur kheri U.P. 262804 M.9415559964

Language: Hindi
23 Likes · 36 Comments · 668 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
View all

You may also like these posts

"गौरतलब"
Dr. Kishan tandon kranti
बेकरार
बेकरार
अभिषेक पाण्डेय 'अभि ’
कल जब होंगे दूर होकर विदा
कल जब होंगे दूर होकर विदा
gurudeenverma198
😃अकारण😃
😃अकारण😃
*प्रणय प्रभात*
वो हमें भूल ही नहीं सकता
वो हमें भूल ही नहीं सकता
Dr fauzia Naseem shad
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूरी उम्र बस एक कीमत है !
पूर्वार्थ
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
स्वयं पर नियंत्रण कर विजय प्राप्त करने वाला व्यक्ति उस व्यक्
Paras Nath Jha
नियम
नियम
Ajay Mishra
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
सर्वप्रिय श्री अख्तर अली खाँ
Ravi Prakash
कलमबाज
कलमबाज
Mangilal 713
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
आइने को कोसकर, व्यर्थ दे रहे तूल.
RAMESH SHARMA
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
ऐ सितारों, मैंने कहाँ तुमसे आसमान माँगा था ।
sushil sarna
दीवारों के कान में
दीवारों के कान में
Suryakant Dwivedi
* आख़िर भय क्यों ? *
* आख़िर भय क्यों ? *
भूरचन्द जयपाल
आँसू
आँसू
शशि कांत श्रीवास्तव
श्रीराम चाहिए
श्रीराम चाहिए
Ashok Sharma
3021.*पूर्णिका*
3021.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
सनातन परम सत्य, पुनर्जन्म l
सनातन परम सत्य, पुनर्जन्म l
अरविन्द व्यास
” पोक ” टैग ” हाईलाइट”
” पोक ” टैग ” हाईलाइट”
DrLakshman Jha Parimal
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
ख़्वाहिशें अपनी-अपनी, मंज़िलें अपनी-अपनी--
Shreedhar
तेरा साथ है कितना प्यारा
तेरा साथ है कितना प्यारा
Mamta Rani
हकीकत
हकीकत
P S Dhami
दीवारें
दीवारें
Shashi Mahajan
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
आसमां का वजूद यूं जमीं से है,
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
मुक्ति और बंधन: समझें दोनों के बीच का अंतर। ~ रविकेश झा
मुक्ति और बंधन: समझें दोनों के बीच का अंतर। ~ रविकेश झा
Ravikesh Jha
नव वर्ष हमारे आए हैं
नव वर्ष हमारे आए हैं
Er.Navaneet R Shandily
जाल मोहमाया का
जाल मोहमाया का
Rekha khichi
छाले
छाले
डॉ. शिव लहरी
"बेबसी" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
ग़म भूल जाइए,होली में अबकी बार
Shweta Soni
Loading...