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28 Jun 2022 · 1 min read

सुख भरी भरी जिन्दगी, अंदर ही ले भाप l

सुख भरी भरी जिन्दगी, अंदर ही ले भाप l
बाहर सहज यहाँ वहाँ, यह अंतर ना भाप ll

इस भेष व उस भेष हो, रंग बेरंग वेश l
तेरा ही तो, हर समय , सहज है समावेश ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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