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3 Jun 2022 · 1 min read

दो चौपाई इश्क ओ प्रीत

दो चौपाई
ले कर के, प्रीत भाव आजा l
प्रियतमा प्रीत पड़ाव आजा ll
आ खेले प्रीत दाव, आजा l
कर गीतों के जमाव, आजा ll

बजे इश्क का बाजा बाजा l
मिलने मिलने आजा आजा ll
भाव भाव ना लज्जा लज्जा l
इश्क सहज है ताजा ताजा ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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