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29 Apr 2022 · 1 min read

नहीं है साफ मन किया. जो नहीं किया माफ l

नहीं है साफ मन किया. जो नहीं किया माफ l
पता नहीं कल होय क्या , कर्म होगा खिलाफ ll

जो बुलाये न नींद को, उसे बुलाये नींद l
किसी भी करवटों बिना, सहज सुलाये नींद ll

अरविन्द व्यास “प्यास”
व्योमत्न

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