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7 Apr 2022 · 1 min read

बिछड़ कर अब न देखेंगे

आज़माइश की किसी हद को
कभी अब हम न देखेंगे।
बिछड़ कर जी नहीं सकते
बिछड़ कर अब न देखेंगे ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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