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4 Apr 2022 · 1 min read

वक़्त की फ़ितरत को

वक़्त की फ़ितरत को महफूज करें कैसे ।
हम भी नहीं रहते, यादें भी नहीं रहती ।।

डाॅ फौज़िया नसीम शाद

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