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12 Aug 2021 · 1 min read

दलपिऊआ

बाड़ा से दाल गायब हो गईल ,घबरात रहे जजमान के जिऊआ।
खोजे में परेशान हो गइले ,की दाल गईल की गईल बा घिऊआ।
दाल के गाथा जब शुक्ला जी सुनलें फिर जजमान से झट से कहलें,
दाल के असरा छोड़ी जजमान ,आपके दाल लगत बा पी गे दलपिऊआ।
-सिद्धार्थ गोरखपुरी

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