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25 Feb 2022 · 1 min read

मै ही मै को तोड़ता

बन राजा जो तोड़ते, जनता का विश्वास।
जनता भोली ही सही, करती सत्यानाश।।

सज्जन को सज्जन दिखे, दिखे चोर को चोर।
जैसी जिसकी भावना, दिखे वही चहु ओर।।

मै ही,मै हो बस जहाँ, हो मै की ही बात।
मै ही मै को तोड़ता, निज मै की औकात।।
✍️जटाशंकर”जटा”

Language: Hindi
275 Views

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