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14 Feb 2022 · 1 min read

'खुद किस्मत देखो' (दोहा.)

‘खुद किस्मत देखो’

खुद को पूरा छुपाते, पर निज किस्मत देखो।
‘भारत की संस्कृति’ से , सदा जीना सीखो।।

स्वरचित सह मौलिक;
…..✍️पंकज कर्ण

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