राजा-रानी के बिना 【कुंडलिया】
राजा-रानी के बिना 【कुंडलिया】
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राजा-रानी के बिना ,यह अपना गणतंत्र
जनता मालिक हो गई ,लोकतंत्र का मंत्र
लोकतंत्र का मंत्र ,देश जनता से चलता
जनता के यह हेतु ,लोकहित भाव प्रबलता
कहते रवि कविराय ,लगाओ तो अंदाजा
कितना मुश्किल काम ,हटे जो रानी-राजा
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रचयिता : रवि प्रकाश, बाजार सर्राफा
रामपुर (उत्तर प्रदेश)
मोबाइल 99976 15451