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11 Jan 2022 · 1 min read

सीरत।

रूह को कैसे सजाओगे तुम अपने चेहरे की तरह।
सीरत नहीं है मिलती यूँ बाज़ार में चीज़ों की तरह।।

?
“ताज मोहम्मद”

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