Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
1 Jan 2022 · 1 min read

नव वर्ष

सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है
नयी सोच नई उमंग
नव सवेरे साथ
नव वर्ष में मन ही मन
इतराई है ।

नये संकल्प मन सजोए
आशाओं के मोती पोए
नव उमीदों को रच कर
नये यौवन से सज कर
हरित लालिमा देह पर
ऊषा नव वर्ष में मन ही मन
इठलाई है ।

सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है ।

अपनों से हैप्पी न्यू इअर कहती
जीवन में उत्साह को भरती
पुरानी वेदनाओं को तजती
नव संभावनाओं से सजती
हर्षोल्लास की काया साथ
ऊषा नव वर्ष में मन ही मन
सकुचाई है ।

सुबह सुबह उठ ऊषा
रवि किरणों पर बैठ
अम्बर पनघट आयी है ।

Loading...