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11 Dec 2021 · 1 min read

इज़हार

वो अपने प्यार का इज़हार कुछ इस तरह कर गए
जाते जाते मेरी लिखी चिट्ठियां मुझे लौटा कर गए
गुस्ताखी ना जाने क्या हुई कल शाम महफ़िल में
जाने से पहले बताया भी नहीं हम जीते जी मर गए

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