Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
11 Dec 2021 · 1 min read

सत्य

✒️जीवन ?की पाठशाला ?️

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की प्यार और लगाव में अत्यंत अंतर्भास है क्यूंकि जहाँ प्यार हमें आजादी प्रदान करता है वहीँ लगाव हमारे पैरों में बेड़ियाँ कसता जाता है -हमें कमजोर बनाता है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जब इंसान के पास बहुत अधिक कहने के लिए जमा हो जाता है तो अमूमन इंसान ख़ामोशी अख्तियार कर लेता है क्यूंकि तब तक इंसान समझ चुका होता है की यहाँ कोई उसे -उसके जज्बातों को -दर्द और अहसास को समझने वाला नहीं है …,

जीवन चक्र ने मुझे सिखाया की जीवन में एक मुकाम ऐसा आता है जब जूनून जीत के लिए और जिद सफलता के लिए होती है …फिर पैरों के छाले -दिल के घाव -लोगों के ताने -नकारात्मक विचार कोई शिखर को छूने की राह में बाधा नहीं बन सकते …,

आखिर में एक ही बात समझ आई की गौर करें गर गंभीरता से तो आप बिलकुल अकेले हैं …थोड़ा और दिमाग पर जोर डाल कर सोचेंगें तो पायेंगें की यही सत्य है …!

बाकी कल ,खतरा अभी टला नहीं है ,दो गई की दूरी और मास्क ? है जरूरी ….सावधान रहिये -सतर्क रहिये -निस्वार्थ नेक कर्म कीजिये -अपने इष्ट -सतगुरु को अपने आप को समर्पित कर दीजिये ….!
?सुप्रभात ?
आपका दिन शुभ हो
विकास शर्मा'”शिवाया”
?जयपुर -राजस्थान ?

Loading...