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5 Dec 2021 · 1 min read

फासलें...

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बिगड़े पलों का जिम्मेवार मै किसको मानूं।
ज़िन्दगी में ये सब तो खाँ मों खाँ आ गये।।

उनके बिन तो गुजरता ना था इक भी लम्हा।
फासलें जाने कितनें हमारें दरम्याँ आ गये।।

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