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11 Nov 2021 · 1 min read

'कलम'

ऐ कलम !
तुझको प्रणाम!
थकती नहीं कभी,
बस चलना तेरा काम।
भूले से भी याद जो करते नहीं
लिखदे एक ख़त आज
तू उनके भी नाम
ऐ कलम !
तुझको प्रणाम!
सहचरी सभी की
ग़म की खुशी की
लिखती है आँसू
तो भरती खुशी भी
मेरे आखर की शोभा
बस है तेरे ही नाम
ऐ कलम !
तुझको प्रणाम!
….
©®
गोदाम्बरी नेगी

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