Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
10 Nov 2021 · 1 min read

'एहसास'

तुम्हारे कुछ एहसास
आज भी हैं मेरे पास…
मेरी झूठी फ़िक्र,
झूठे प्यार का जिक्र
संभाला है मैंनें खास
हर संदेश पर मेरे मौन
न प्रश्न ही न प्रत्युत्तर
मेरा हर प्रश्न भी निरुत्तर
जताया हुआ विश्वास
था छुपा जिसमें अविश्वास
अब भी है मेरे पास
तुम्हारे कुछ एहसास
फिर भी तुम हो खास
तभी रखती हूँ पास
तुम्हें हो न हो विश्वास….

Loading...