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1 Nov 2021 · 1 min read

माया तो ठगनी है (माहिया छंद)

माहिया छंद
“माया तो ठगनी है”
माना यह वजनी है
इससे बचकर चल
माया तो ठगनी है

कुछ पाँव धरें ऐसे
जीवन जीवन हो
कुछ काम करें ऐसे

अब तो आ जा, आ जा
सूना सूना मन
आकर के महका जा

मुडेर पे आया है
कागा साजन का
संदेशा लाया है

इस पर क्या इतराना
कल इस जीवन का
सूरज है ढल जाना
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

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