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14 Oct 2021 · 1 min read

चिट्ठी (कह मुकरी छंद

कह मुकरी छंद

नेह हृदय में जिसके सिमटा।
छोर दिखें दो जैसे चिमटा।
यादें उसकी हैं नित मिट्ठी।
हे सखि साजन ? ना सखि चिट्ठी।।
शीला गहलावत सीरत
चण्डीगढ़, हरियाणा

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