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15 Aug 2021 · 1 min read

मेरा देश मेरा देश __ घनाक्षरी

मेरा देश मेरा देश, जग में विशेष है।
परिवेश इसका तो, सबको ही भाया है।।
परिपाटी परंपरा, सबसे पुरानी यहां।
जहां-तहां जाकर के, सबको लुभाया है।।
प्रीत सबको सिखाते, गीत खुशियों के गाते।
आते जाते हमने तो, सबको बताया है।।
आओ आरती उतारे ,जग जननी पुकारे।
द्वारे द्वारे उजियारे, दीपों से सजाया है।।
राजेश व्यास अनुनय

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