दोहा
लालच की होती नहीं,जग में कोई थाह।
जो इसमें जितना गया,उतना हुआ तबाह।
होती है क्यूँ प्यार में,अक्सर ऐसी बात।
जिसको दो दिल में जगह,करे वही आघात।
लालच की होती नहीं,जग में कोई थाह।
जो इसमें जितना गया,उतना हुआ तबाह।
होती है क्यूँ प्यार में,अक्सर ऐसी बात।
जिसको दो दिल में जगह,करे वही आघात।