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13 Jun 2016 · 1 min read

दोहा

लालच की होती नहीं,जग में कोई थाह।
जो इसमें जितना गया,उतना हुआ तबाह।

होती है क्यूँ प्यार में,अक्सर ऐसी बात।
जिसको दो दिल में जगह,करे वही आघात।

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