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1 Aug 2021 · 1 min read

आंसुओं की उधारी

इन आंसुओं को संभाले रखा है अपने जनाजे के लिए,

के चार आंसू भी उधार न मांगने पड़े मतलबी दुनिया से,

अगर लिए तो फिर वापस आना पड़ेगा,
जिंदगी भर रोने के लिए…..

उमेंद्र कुमार

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