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24 Jul 2021 · 1 min read

एक गुज़ारिश

ज़िंदगी में
थोड़ा भी
आराम नहीं है,
साहब!
दे सकें तो
दीजिए
मुझे काम नहीं है,
साहब!
खींच लेते हैं
ठेला और
चला लेते हैं
रिक्शा!
लेकिन इसमें
मजदूर का
सम्मान नहीं है,
साहब!
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
#बेरोजगारी #मजदूर
#जनवादीगीत

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