उठ इंकलाब कर!
मुहब्बतों के दौर का
एक आग़ाज़ कर!
सड़े-गले रिवाजों पर
अब ऐतराज़ कर!
महबूब की याद में तू
बुजदिल की तरह
बैठा हुआ क्या रोता
उठ इंकलाब कर!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#BeRebel
#RomanticRebel
मुहब्बतों के दौर का
एक आग़ाज़ कर!
सड़े-गले रिवाजों पर
अब ऐतराज़ कर!
महबूब की याद में तू
बुजदिल की तरह
बैठा हुआ क्या रोता
उठ इंकलाब कर!!
Shekhar Chandra Mitra
(A Dream of Love)
#BeRebel
#RomanticRebel