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20 Jul 2021 · 1 min read

काश मैं तुमसे...

काश मैं कभी तुमसे रूबरू होता
गिले-शिकवे का दौर शुरू होता।
बैठ कर मिटाता तन्हाईयों को साथ
एक प्यार का शिलशिला शुरू होता।
©”अमित”

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