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6 Jul 2021 · 1 min read

रुसवाई

यूँ तेरे कूचे से हम रुस्वा होके निकले
कमाई का दौर लो फिर से शुरू हो गया

खाली थे हम लॉक डाउन के कारण
कलम की कारीगरी काम आ रही थी

कभी 8 पर तो कभी बाइस पर थे
आज कुछ नही लिखा तो कही पर भी ना थे

लिखने के साथ कमाना भी जरूरी है यारों
हम तो वो हैं जो रुसवाई से भी दोस्ती कर लें

लो फिर से एक बार कोशिश करते हैं
फिर से अपने नाम की तलाश करते हैं

वीर कुमार जैन
6 जुलाई 2021

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