Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
6 Jul 2021 · 2 min read

पिता का इंटरव्यू

एक लड़का को पढ़ने का जुनून है, पर उसके पिताजी पढ़ने नहीं देते हैं। वह लड़का पढ़ने के लिए अपने पिता से जिद्द करता है। तभी पिता मन ही मन अपने बेटा का इंटरव्यू लेना शुरू कर देते हैं।

लड़का – पापा, मैं पढ़ना चाहता हूं।
पिता – बेटा, मैं नहीं पढ़ने दूंगा।
लड़का – पापा, मैं पढ़ना चाहता हूं। (फिर से कहता है।)
पिता – बेटा, मैं नहीं पढ़ने दूंगा।
लड़का – पापा, मैं पढ़ना चाहता हूं। (जोर से कहता है।)
पिता – बेटा, मैं नहीं पढ़ने दूंगा।

थोड़ी देर के लिए दोनों चुप हो जाते हैं। फिर पिता अपने बारे में बताते हैं:-

पिता – देख बेटा, मैं पढ़ लिखकर वही काम कर रहा हूं, जो एक अनपढ़ करता है। इसीलिए मैं तुम्हें पढ़ने नहीं देना चाहता हूं और कोई इलिम सीखाना चाहता हूं, जिससे तुम कमाकर अपना रोजी-रोटी चला सको।

फिर भी नहीं मानता है और लड़का बोलता है:-

लडका – नहीं पापा, मैं पढ़ना चाहता हूं (इमोशन में आकर)
पिता – नहीं बेटा, मैं नहीं पढ़ने दूंगा।
लड़का – पापा, मैं पढ़ना चाहता हूं। (जोर से कहता है।)
पिता – बेटा, मैं नहीं पढ़ने दूंगा।

फिर थोड़ी देर के लिए दोनों शांत हो जाते हैं‌। तब इससे तंग आकर पिता पूछते हैं:-

पिता – अच्छा बताओ बेटा, तुम पढ़ लिख कर क्या कर सकता है?
लड़का – पापा, मैं वो सब कुछ कर सकता हूं, जो एक अनपढ़ नहीं करता है।

बस इस पर पिताजी खुश हो जाते हैं और बोलते हैं। बेटा, तू मेरे इंटरव्यू में पास हो गया, अब तू जितना पढ़ना चाहता है पढ़।
——————–०—————–

✍️ जय लगन कुमार हैप्पी ⛳

Loading...