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2 Jul 2021 · 1 min read

पानी की तरह बनना सीखो।

पानी की तरह बनना सीखो।
जैसा निसर्ग देता अवसर वैसा व्यवहार यह करता है,
जैसी स्थितियों से मिलता अनुरुप उन्हीं के रहता है,
अन्यायी पर जल प्रलय बनो जब प्रेम मिले गहना सीखो।
पानी की तरह बनना सीखो।
सूरज की प्रखर किरण जल का तन मन अवशोषित करती हैं,
जब समय बदलता है घन बन अमॄत सम भू पर झरती हैं,
कटु समय पराजित होगा ही पानी की तरह जीना सीखो।
पानी की तरह बनना सीखो।
उपयोग आचमन में होता देवों पे चढ़ाया जाता है,
इससे ही बीज अंकुरित हो शव को नहलाया जाता है,
गुजरो विभिन्न उपयोगों से पर सबमें सम रहना सीखो।
पानी की तरह बनना सीखो।

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