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24 Jun 2021 · 1 min read

जीवनसाथी (बचपन के साथी )

मै जब पांच साल की थी वो ग्यारह साल का था
और मै जब भी मेरी नानी के यहा आती थी तो ज्यादा वक़्त उसके साथ खेलते हुए ही बीतता था
उसकी माँ मुझे अपने हाथों से दाल चावल खिलती थी
मुझे ज्यादा कुछ तो याद नही पर याद है की मेने अपनी ज़िंदगी मे पहली फिल्म टाकीज मे उसके साथ ही देखी थी “खुदा गवाह ”
तब कोई भी नही जानता था हम भी नही की हम बचपन के साथी जीवनसाथी बन जायेंगे
बचपन के बाद मेरी मुलाकत उस से तब हुए जब मे 12 th मे थी लगभग 10 से 11 साल बाद बाकी की फिर कभी…..✍

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