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5 Jun 2021 · 1 min read

सूरज रोज नहीं आएगा।

सूरज रोज नहीं आएगा।
जब तक है तब तक किरणों से अपने मन की झोली भर लो,
अंधियारा घिरने से पहले सतरंगी रंगोली कर लो,
संचय किया हुआ ये सब ही तुझको आगे ले जाएगा।
सूरज रोज नहीं आएगा।
काले, पीले, नीले, भूरे तरह तरह के बादल आकर,
किरणों के दल को रोकेंगे ये सारे उलझा बहलाकर,
पूंजी नहीं रहेगी तो फिर कैसे वक्त बिता पाएगा।
सूरज रोज नहीं आएगा।
अपने मन दर्पण में रख लो सूरज के कुछ रूप चुराकर,
आंखों की दुनियां में रख लो इक दो टुकड़े धूप उठाकर,
स्याह दिनों में अपनी ख़ातिर एक किरण तो बन जायेगा।
सूरज रोज नहीं आएगा।

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