Sahityapedia
Sign in
Home
Your Posts
QuoteWriter
Account
28 Apr 2021 · 1 min read

कुदरत

“कुदरत” तेरा रूठना भी जरूरी था!
इंसान का तक़ब्बुर टूटना भी जरूरी था!
हर कोई खुद को खुदा समझ बैठा था !
ये शक दूर होना भी जरुरी था !.

Loading...